आखिर क्यों दूसरे राज्यो से मजदूर पैदल चलकर आ रहे हैं क्या प्रदेश सरकार को नही है ध्यान
राज्य सरकार से उठ रहा छत्तीसगढ़ से बाहर फंसे छत्तीसगढ़ वासियों का विश्वास …..
भारी संख्या में प्रतिदिन आ रहे पैदल व सायकिल से छत्तीसगढ वासी ….
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भूपेश दाउ इस संबंध में लोगों को खुलकर बतायें कि क्या हो रहा आपकी ओर से प्रयास …..
लॉक डाउन के कारण छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी वर्तमान में दूसरे प्रदेश में फँसे हुये हैं जिनमें से अधिकांश मजदूर , मरीज व परिजन , टूर मे गये लोग व सामाजिक / सामूहिक कार्यक्रम मे शामिल होने गये लोग शामिल है। लगभग डेढ माह से भी अधिक समय से ये दूसरे राज्य में फंसे है, जिनके सामने रहने , खाने पीने व अन्य समस्या निर्मित होना स्वाभाविक है । दूसरे प्रदेश मे फँसे लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाये। लोग अपने घर वापसी के लिये लगातार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं l सोसल मीडिया व ट्वीट कर सहयोग की गुहार लगा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कोई उचित व संतोषजनक प्रयास नही किया जा रहा है जिसके कारण लोग उस तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जिस दिन वो अपने घर के लिये निकल सकें व पहुंच सकें। राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्प लाईन नम्बर भी प्रभाव मे न होने संबंधी समाचार व सोसल मीडिया मे वायरल हो रही है जिससे राज्य सरकार की छवि धूमिल हो रही है। यह कहना भी गलत नही होगा का छतीसगढ़ के निवासी जो वर्तमान में दूसरे राज्य मे फंसे हैं उनका भी राज्य सरकार से विश्वास व मन उठ गया है तथा कोई राहत न मिलने से लोग प्रतिदिन भारी संख्या में लगातार सैकडो हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल व साईकिल से आने को मजबूर हैं तथा पंहुचने के बाद भी इनकी स्क्रीनिंग नही हो पा रही है। जिसका खामियाजा आने वाले समय मे प्रदेश के लोगों को भुगतना पड सकता है। इस दिशा मे छतीसगढ के मंत्री , नेता व जनप्रतिनिधियों की भी चुप्पी समझ से परे है जो ऐसे लोगों की मदद को छोड़ केवल आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करते हैं। बहरहाल समय रहते प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को जल्द लोगों को कान्फ्रेंस कर संबोधित करने की जरूरत है तथा बताने की जरूरत है कि बाहर फंसे छत्तीसगढ़ के वासियों के लिये राज्य सरकार की क्या योजना है , क्या प्रयास किये जा रहे हैं , ऐसे लोगों को लाने के लिये बस व ट्रेन की क्या व्यवस्था सरकार कर रही , कब व कितने समय बाद ये ट्रेन व बसें चलेगी , कितने लोगों के फंसे होने की जानकारी राज्य सरकार के पास एकत्र हुई है , आदि -आदि l ताकि लोगों का विश्वास राज्य सरकार व प्रशासन पर बना रहे। प्रतिदिन भारी संख्या में दूसरे प्रदेश से पैदल व सायकिल से आ रहे लोगों के आकडे को देखने पर यह राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कोशिशों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं आखिर ऐसे लोगों का राज्य सरकार पर भरोसा क्यों नही जो पैदल व साइकिल से यात्रा करने के मजबूर हैं। लक्ष्मी कान्त दुबे की कलम से ....