जिला अस्पताल में इलाज का है टोटा…छोटी सी छोटी बिमारी का इलाज नहीं कर पाते सिधा सिम्स रिफर करने के है आदि .
सीएचएमओ का नही है कंट्रोल पीएचसी और जिला अस्पताल पर
बिलासपुर—:जिले मे वीश्वविधालय तो कई है किन्तु मेडिकल कालेज तो एक ही है और इस मेडिकल कालेज कि हैसियत को जिला हॉस्पिटल ने बर्बाद कर दिया सामान्य बैद्धिक ज्ञान यह कहता है कि मेडिकल कालेज में वही मरीज इलाज कराने पहुंचेगा जो साधारण उपचार से स्वस्थ्य नही हो रहा सरकारी व्यवस्था को माने तो मेडिकल कालेज अंतिम पायदान है पहली पायदान में पीएचसी दुसरे पर जिला हॉस्पिटल और तीसरे पर मेडिकल कालेज किन्तु बिलासपुर जिले में प्रथम दो सीढ़ि रेफर सेन्टर बन गया है और इसका पूरा उत्तरदायित्व मेडिकल कालेज पर आ गया है आज कि तारीक में जिला अस्पताल का मेडिसिन वार्ड खाली पडा है और मेडिकल कालेज का के वार्ड में 75 अतिरिक्त मरीज इलाज करा रहे है ये मरीज भर्ती होने के लिए तो उपयुक्त है किन्तु इनका इलाज जिला अस्पताल के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं में हो सकता था किन्तु नही हुआ बिलासपुर के जिला अस्पताल में प्रशव सुविधा के लिए विशेष केंद्र बनाया गया है लोकार्पण के समय तो इसकी सुविधाओं को कुछ मायनों में मेडिकल कालेज से भी अच्छा बताया गया था किन्तु अब हालत अलग है मात्र शिशु केंद्र में पदस्त डाक्टर अधिकतर इसी चक्कर में रहते है कि गर्वती महिला को कैसे भी सिम्स भेज दिया जाए वैसे भी इन दिनों जिला अस्पताल कि सर्वेसर्वा अस्पताल से ज्यादा वकीलों के दफ्तर अथवा कोर्ट में दिखाई देती है
आप कि आवाज बिलासपुर ब्योरो चीफ
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