जानिये देश के गरीब बच्चों को कौन सी संस्था बना रही है डॉक्टर इंजीनियर
सन्दीप मिश्र,
इटावा
इटावा।देश के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने असम व मिजोरम प्रान्त के गरीब परिवारों के 38 बच्चों को गोद लिया है।यह सभी गरीब परिवारो के बच्चे इटावा में सेवा भारती के छात्रावास में रह कर अपने जीवन मे आगे बढ़ने का रास्ता बना रहे हैं।इन बच्चों में एक नन्हा बालक वो भी जिसके माता पिता अब इस दुनिया मे नही है।इटावा शहर में सेवा भारती छात्रावास में ये सभी बच्चे बेहद गरीब परिवारो के हैं।इनके पिता किसान भी है लेकिन उनके पास दो बीघा खेत अपने नोनिहालो का पेट भरने व करियर में अच्छा इंसान बनने के लिये नकाफी है।लेकिन अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सेवा भारती संस्था की देख रेख में यह बच्चे इस छात्रावास में रहकर अपने जीवन के असली मकसद तक पहुंचना चाहते हैं।इन बच्चों में कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनयर।आज देश की लॉकिंग डाउन स्थिति में यह बच्चे प्रतिदिन सुबह व शाम प्रार्थना व ध्यान की क्लासेज लेते है लेकिन वे सोशल डिस्टेंस व मास्क के महत्व को बखूबी समझते हैं।
इस सेवा भारती छात्रावास के प्रभारी बताते है कि ये सभी बच्चे पूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद संस्था ने अपने पास रखा है।खाने पीने से लेकर इन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने तक की सारी जिम्मेदारी संस्था की है।हम इन गरीब बच्चों को संस्कारवान शिक्षित रोजगारपरक नागरिक बनाएंगे।इस छात्रावास के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला कार्यवाह ने बताया कि गरीब बच्चों शिक्षित कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना हमारा मकसद है।उन्होंने बताया कि देश मे कई गरीब परिवारों के बच्चे हमारी संस्था की मदद से टेक्निकल शिक्षा भी प्राप्त कर रहे हैं।आज हमारा भारत देश कितना ही डिजिटल बनने की दिशा में अग्रसर हो,लेकिन आज भी एक बहुत बड़ी संख्या में गरीब परिवारों के अपनी गरीबी के चलते कुंठा भरी जिंदगी जी रहे हैं।राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का यह मिशन देश कई नोनिहालो का जीवन सवारने की दिशा सरहनीय पहल कर रहा है।