न्यूज़

स्पज आयरन के द्रारा विज्ञप्ति जारी किया गया जिले में स्टील प्लांट बंद होने से सभी उद्योग दिवालियापन के कगार पर


रायगढ़।स्पज आयरन एसोशिएसन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोरोना वायरस को लेकर पुरे देश में लॉक डाउन की वजह से सभी कम्पनी बद है जिससे आर्थिक रूप घाटा लग रहा है वही रायगढ़ जिले को उघोगो के वजह से जाना जाता है

रायगढ़ जिले के सभी स्टील प्लांटो की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी थी किसी उद्योग के उपर बैंक का,किसी उद्योग के ऊपर साहूकारों के कर्ज का ताला लटकता हुआ दिख रहा है अब उपर से करोना का कहर के कारण 22 मार्च से सभी उद्योग बंद पड़े है जो धीरे धीरे चलने वाला भी पहिया पूरी तरह से बंद हो गया उपर से पूरे भारत में आर्थिक मंदी अब ये समझ से बाहर है कि ये प्लांट की स्थिति कैसे संभलेगी ।प्लांट वालो को नीचे लिखे खर्चों, एवं देनदारियों का तलवार गले में लटक रहा है बैंक का ब्याज,बैंक की किस्त्ती,बिजली बिल,GST ,TDS,इनकमटैक्स गाड़ियों की किस्ती,मजदूर की सेलरी,ऑफिस स्टाफ की सेलरी ,रामटेरियल वाले की कर्जदारीअब इन सब से कैसे निपटा जाए ?क्या हमे सरकार कोई सहायता दे रही है ?अन्य कई प्रदेशो ने कई प्रकार से उद्योगों को पूरा सहयोग की घोषणा भी कर दी है मगर हमारा प्रदेश अभी तक मौन है
हम हमेशा प्रशासन के साथ है और आगे भी रहेंगे लेकिन हमे जिंदा रखने के लिए प्रशासन को भी गंभीर होना पड़ेगा वरना सभी उद्योगों की बहुत अप्रत्याशित भयावह स्थिति अा सकती है सभी प्लांटों की आर्थिक स्थिति एवं केश की कमी के कारण अन्य प्रदेशों की सरकार एवं बड़े उद्योगों द्वारा अभी लॉकडाउन परेड की सैलरी 30-50 % तक देने का फैसला लिया है एवं अन्य छुट के विषय में भी उनका बैठकों का दौर जारी है l
उक्त कठिन परिस्थितियों को देखते हुए हमारे उद्योगों द्वारा सैलरी एवं अन्य खर्चों पर कटौती करने हेतु कठोर कदम उठाने पड़ेंगे lयदि समय रहते सरकार द्वारा हमारे राहत के लिए उचित निर्णय नहीं लिया गया तो बहुत लंबे समय के लिए उद्योगों को बंद होने से कोई रोक नहीं सकेगा , केवल रायगढ़ जिले में अभी तक मिडिल और छोटे उद्योग मिलाकर (बड़े कारपोरेट उद्योग छोड़कर) लॉकडॉउन परेड में 500 करोड़ से ऊपर का नुकसान हो चुका है,एवं आने वाले समय में कम से कम 50000 रोजगार का भविष्य अंधकार में हैl

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button